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मंगलवार, 24 दिसंबर 2019

हम सब एक सिनेमा है

हम सब एक सिनेमा है जिसमें कलाकार
उसके हाथों की कठपुतलियाँ मात्र हैं
वो जैसा भी वो चाहे सबको नचाता है 
सबको अपना अपना काम करना है
अवधि समाप्त होते ही लौट जाना है
सबके लिए यही नियम बनाये गए हैं
जीवन की बागडोर उसके हाथों में है
क्या जाने कब वो डोर वापिस खींचे
कल क्या हो कोई नहीं जानता है
@मीना गुलियानी 

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