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शनिवार, 21 दिसंबर 2019

मुट्ठी में भी कब आया

समय को कौन कैद कर  पाया
ये हमारी मुट्ठी में भी कब आया
ये पलक झपकते गुज़र जाता है
कोई भी इसे रोक ही नहीं पाया
इसके आगे किसी की नहीं चलती
हर कोई शख्स हारता नज़र आया
गर तुम चाहो कि जीत लो उसको
कदम मिलाके चलो बनके हमसाया
@मीना गुलियानी 

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