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शनिवार, 28 दिसंबर 2019

भूली हुई इक याद का मंजर

भूली हुई इक याद का मंजर
आँखों में जब लहराता है
तू मुझे बहुत याद आता है
वक्त हर पल न जाने क्यों
बीते लम्हों में ले जाता है
चन्द्रकिरण अग्नि बन जाती
रातों का चैन उड़ जाता है
@मीना गुलियानी 

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