यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 7 दिसंबर 2019

सब रंग तुम्हारे अंदर हैं

सब रंग तुम्हारे अंदर हैं
हर रंग में वो मौजूद है
 देखने वाली नज़र चाहिए
वो हर रंग में समाया है
जिस रंग में देखना चाहो
उसी रंग में वो दिखाई देगा
ये हमारी परिकल्पना है
तभी अलग रंग में दिखता है
दुःख सुख भी उसके रंग हैं
फूलों पर पेड़ों में उसी की
रंगत ही हमें दिखाई देती है
इनसे इंद्रधनुष बनता है
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें