यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 29 सितंबर 2020

तर्ज़ --इक प्यार का नगमा है

गुरूजी तेरा सहारा है  तुझे मैंने पुकारा है 
हर दुखी को यहाँ मिलता गुरूजी साथ तुम्हारा है 

रोता हुआ जो आये हँसता हुआ वो जाए 
दिल के सारे अरमां पूरे करके वो जाए 
दुखियारे को मिलता वरदान तुम्हारा है 

ये जीवन सपना है न कोई अपना है 
झूठे हैं सब रिश्ते इक तू ही अपना है 
मिल जाएँ सभी खुशियाँ मिले साथ तुम्हारा है 

तेरा धाम न्यारा है मुक्ति का द्वारा है 
हर दुखिया को मिलता गुरूजी तेरा सहारा है 
तेरे धाम से मिल जाए खुशियों का भंडारा है 
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें