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रविवार, 13 सितंबर 2020

दिल मेरा हुआ ये उदास है (ज़रा सामने तो आओ छलिये )

 मुझे दर्श दिखाओ मेरे गुरूजी, मेरी आँखों को दर्शन की प्यास है

 नहीं लगता जिया ये तुम बिन , दिल मेरा हुआ ये उदास है 


तुम बिन मनवा हरदम  तरसे याद में नैना बरसते हैं 

सुबह उठकर तेरा ध्यान लगाते दीद  को हर पल तरसते हैं 

तेरे दर्श की लगी मुझे प्यास है  तू ही रहता दिल के पास है --------


तेरी याद में रोते रोते कितने सावन बीत गए 

रोज़ सुबह से राह निहारें नैना मेरे भीग गए 

जाने कबसे जिया ये उदास है तेरे दर्शन की इसे आस है -------

@मीना गुलियानी -


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