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मंगलवार, 29 सितंबर 2020

तर्ज़ --दिल के अरमां

गुरूजी तेरे दर पे मैं तो आ गया 

हाले  दिल तुमको सुनाने आ गया 


दुनिया ने लाखों सितम मुझ पर किये 

दिल का दुखड़ा मैं बताने आ गया 


सोचता था दास्ताँ तुझसे कहूँ 

लगता है अब तो ठिकाने आ गया 


सर पे मेरे  अवगुणों की पोटली 

सर झुकाके तेरे दर मैं आ गया 


तेरी महिमा जबसे मैंने भी सुनी 

तकदीर अपनी मैं जगाने आ गया 

@मीना गुलियानी 




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