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मंगलवार, 15 सितंबर 2020

गुरुजान जी की आरती

जय गुरुजान बाबा , स्वामी जय गुरुजान बाबा 
दुःख हर्ता सुख कर्ता , जग पालन कर्ता -----स्वामी -----

घाटगेट महाकाली मंदिर में विराजे 
सर पे पगड़ी सोहे, और दुशाला साजे    ------स्वामी --------

करुणा की मूर्त है , छवि लगे अति  प्यारी 
जो कोई इनको ध्यावे , हरें विपदा सारी     -----स्वामी -----------

गके रुद्राक्ष की माला भाल पे टिका साजे 
पग में खड़ाऊँ सोहे ,घंटा ध्वनि बाजे  --------स्वामी ------------

मुख तेजस्वी इनका, शोभा लगे प्यारी 
सबके दिलों में विराजें ,गुण  गाएँ नर  नारी-----स्वामी -----------

प्रेम दया और भक्ति ,भाव से ये रीझे 
वरदाता करुणामय, मन चाहा दीजे       -------स्वामी -----------

काम क्रोध विषयों को बाबा दूर करें 
प्रेम से जो जय बोले, तीनों ताप हरें -------------स्वामी ----------

 बाबा जी की आरती, प्रेम से जो गावे 
मनवांछित इच्छा को गुरुजान से पावे ---------स्वामी ----------

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