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शनिवार, 26 सितंबर 2020

तर्ज़ --ना मुँह छिपाके जियो

लगन  लगा के रखो , दिल में तुम बसा के रखो 
जैसे भी निभ पाए तुमसे , सबसे बनाके रखो 

गुरूजी सबकी मुरादों को ,पूरी करते हैं 
आते सवाली जो वो , सबकी झोली भरते हैं 
उनके दरबार में न भेद को छुपाके रखो --------

कहो  न कुछ भी गर , वो तो जान लेते हैं 
सबकी इच्छाओं को वो , पूरा मान देते हैं 
छुपाये छुप न सकेगा, न तुम छुपाके रखो ---------

गुरूजी का दर तो , सारे जग से न्यारा है 
जिसका न कोई यहाँ , वो गुरूजी का प्यारा है 
उनसे ये रिश्ता अपना ,तुम भी बनाके रखो -------
@मीना गुलियानी 

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