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सोमवार, 28 सितंबर 2020

तर्ज़ --वो दिल कहाँ से लाऊँ

तेरे द्वार कैसे आऊँ गुरूजी ज़रा बता दे 
तुमको मैं कैसे पाऊँ भव पार तू लगा दे 

दुनिया ने मुझको लूटा विषयों ने मुझे घेरा 
कैसे छुड़ाऊँ पीछा तू ही रास्ता बता दे ------

लाखों उबर गए हैं तेरे नाम के सहारे 
गुरूजी हमें बचाओ  हैं हम तेरे सहारे -------

गर भूल है हमारी माफ़ कर  भी दो खतायें 
तेरे सिवा न दूजा पल भर भी जो पनाह दे --------

भूलों को तुम भुलाना हमको न आज़माना 
तेरी शरण हैं आये, हमको भी आसरा दे ----------
@मीना गुलियानी 

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