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शनिवार, 12 सितंबर 2020

ध्याऊँ रोज सुबह और शाम -(तर्ज - तेरे पूजन को भगवान)

- तेरे नाम को ओ  गुरूजी ध्याऊँ रोज सुबह और शाम 

किसी ने जानी न तेरी माया किसी ने न भेद तेरा है पाया 

लूटें माया मोह अज्ञान ------------------------------------


हम तो फंस गए बीच मंझधार तुम बिन कौन लगाए पार 

गुरूजी थाम लो अब पतवार ----------------------------------


तू है सबका पालनहारा सबकी बिगड़ी बनाने वाला 

काटो विपदा हमारी आन ------------------------------------------

@मीना गुलियानी 

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