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शुक्रवार, 11 सितंबर 2020

जाने तुझको खबर कब होगी (तर्ज -जोगी हम तो लुट गए)

ओ मेरे गुरु जी हम तो आ गए तेरे द्वार पे

जाने तुझको खबर कब होगी 


कशी मथुरा से भी सुंदर देखा धाम तिहारा 

हर दुःख से पीड़ित दुखिया को मिलता यहाँ सहारा ------


छोड़के सारे रिश्ते नाते तुझसे जोड़ा नाता 

तुम्हेँ बसाया अंतर्मन में तुम ही भाग्य विधाता ----------


सारे जग वालों ने दाता हमको है ठुकराया 

छोड़के जग की मोहमाया मैं शरण तिहारी आया -----------


पाप गठरिया सर पर धरकर पछतायें हम भारी 

गुरूजी आओ शरण लगाओ विपदा हरलो सारी  --------- 

@मीना गुलियानी 

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