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बुधवार, 30 सितंबर 2020

तर्ज़ --आवाज़ देके हमें तुम बुलाओ

गुरूजी मुझे तुम दर्श दिखाओ ,नैया भंवर में है पार लगाओ 

मैं कबसे लिए आस दरबार आया 
गुरूजी न अब तक दर्श दिखाया 
सवालों में उलझा हूँ उलझन मिटाओ ------------------

है कठिन डगर और राह न जानू 
धरूँ पाँव आगे तो मुड़ना न जानू 
गुरूजी मुझे सत्यपथ दिखलाओ -----------------------

तेरा धाम सबसे है कितना अनोखा 
ये दुनिया सदा हमको देती है धोखा 
मायामोह से मुक्ति दिलाओ -----------------------------
@मीना गुलियानी 

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