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गुरुवार, 24 सितंबर 2020

तर्ज - होठों से छू लो तुम

 गुरूजी तुम कृपा करो तेरे दर पर आऊँ मैं 

मेरे सिर पर हाथ  धरो तो भव तर जाऊँ मैं 


तेरे सिवा न कोई मेरा 

झूठा जग ये सारा है 

तेरी कृपा से पाया 

इक तेरा ये द्वारा है 

तुम पार करो भव से 

उस पार उतर जाऊँ मैं ----------------------


जिस पर कृपा होती 

वो बन जाता है मोती 

इस जग में वो चमके 

जैसे हीरे की  ज्योति 

सच्चाई समझ आये तो 

पल में ही उबर जाऊँ मैं -------------------

@मीना गुलियानी              

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