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बुधवार, 6 मई 2015

गुरुदेव के भजन-215 (Gurudev Ke Bhajan215)



 बाबा जी तेरा आसरा चाहती हूँ सन्मुख दर्शन पाना चाहती हूँ 

तेरे नाम को अपने दिल में बसाकर 
तेरी जोत को अपने मन में जगाकर 
हर पल तुझे पूजना चाहती हूँ 

नाम से तेरे दूर होंगे अँधेरे 
कभी तो उजाले होंगे जीवन में मेरे 
जोत तेरी मै जगाना चाहती हूँ 

यादों का दीपक बुझने न पाये 
हर पल खुशियों का तेरा गीत गाये 
यादों की शमा मै जलाना चाहती हूँ 


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