जब देखा निगाह पसार बीच संसार एक ही द्वारा
@मीना गुलियानी
तेरे बिन कौन हमारा
मतलब का हर एक नाता है
मतलब बिन कोई नही चाहता है
मतलब का सब संसार देखा सारा
शिवरात्रि के दिन आते है
दर्शन को प्रेमी जाते है
सब संगत रलमिल बोले जयजयकारा
वहाँ जगमग ज्योति जल रही है
वहाँ प्रेम की गंगा चल रही है
वहाँ जाके सबको मिलता है सहारा
वहाँ सुंदर गुफा तुम्हारी है
मोहे आस दर्श की भारी है
जी चाहे कब देखूँगा आन नज़ारा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें