सबसे बड़ा है इस दुनिया में गुरु चरणों का नाता
@मीना गुलियानी
लालन पालन मात पिता का गुरु चलना है सिखाता
जिसके सर पर हाथ गुरु का जीवन से तर जाए
मंजिल तो क्या चीज़ जगत में खुद भगवन मिल जाए
रूठे साथी रूठे नाती धन से रूठे भ्राता
जिसने गुरु चरणों में झुककर अपना शीश नवाया
आँधी और तूफ़ान चले पर संग गुरु का साया
जप तप गुरु चाहे लाख करो पर बिन गुरु ज्ञान न आता
सब कुछ अपना अर्पण करदो चाहे जिधर ले जाए
जिसको खोजो मन्दिर में मन दर्पण में दिखलाये
इक पल भी हो जाए कृपा तो भव सागर तर जाता
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें