तेरे दर्शन को पाने का बाबा मैं भी भिखारी हूँ
दे दो वरदान न टालो मैं निर्बल हूँ दुखारी हूँ
तेरा दरबार है ऐसा जहाँ से सब कुछ है मिल जाता
कहाँ पर अब मैं जाऊँ बाबा तेरे दर का पुजारी हूँ
किया मजबूर इस दिल ने जमाने ने भी ठुकराया
,मगर क्यों रूठे हो मुझसे मैं तो दुखिया बेचारी हूँ
तेरे दीदार को तरसे मेरे नैना बड़े प्यासे
आ जाओ देर न करना मैं लाया आस भारी हूँ
@मीना गुलियानी
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