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गुरुवार, 4 अगस्त 2016

भजनमाला --------117

तेरी नैया भँवर में पड़ी नाम जपले घड़ी दो घड़ी 

झूठी माया का पर्दा पड़ा अँधा बनके जगत में खड़ा 
सारी बात समझता है तू पर तू तो है चिकना घड़ा 
मौत आगे चले न तड़ी 

कर ना  काया  का दिल में गुमान  झूठी कोरी है इसकी ये शान 
तू अकड़ता है किस बात पर बिन बताए निकल जाएँ प्राण 
न है टूटी की कोई जड़ी 

नेक कर्मो से जीवन सुधार थोड़ा करले प्रभु से भी प्यार 
एक ये ही सहारा तेरा डूबती नैया करता है पार 
तेरी नैया भँवर में अड़ी 
@मीना गुलियानी 

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