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मंगलवार, 9 अगस्त 2016

भजनमाला -------127

कितनी बार पुकारा तुमको सुनते नहीँ पुकार
भूल गए क्यों दीनों के आधार 

दयासिन्धु क्यों दया नहीँ दिखलाते हो 
होकर दीनानाथ दुखी ठुकराते हो 
छिपा नहीँ है तुमसे कुछ भी 
दीनों के दातार ----------  भूल गए क्यों

 नहीँ जानते क्या तुम हम जो कष्ट सहे
किसके आगे रोयें किससे हाल कहें
छोड़ तुम्हें बतलाओ बाबा
लें किसका आधार -----------भूल गए क्यों

डगमग डगमग डोले मेरी नैया है
तुम बिन मेरा कोई नहीँ खिवैया है
पार करो भवसागर से जो
आन फंसी मंझधार -----------भूल गए क्यों

करता दास पुकार ये विनती सुन लीजे
दर्शन देके पार ये बेडा कर दीजे
आके कष्ट हरो तुम मेरे
करदो बेड़ा पार ----------------भूल गए क्यों
@मीना गुलियानी 

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