बीत गइयाँ घडियां मुड़के हत्थ नइयो आणिया
@मीना गुलियानी
सुतया तू जाग काहनू लम्बियाँ ने तानियाँ
छुप गए चन्न तारे सूरज अखा खोलियाँ
राम दे प्यारे पंछी बोलदे ने बोलियां
तू वि उठ जाग पढ़ लै संता दियाँ बाणिया
अखियां नू खोल ज़रा छड दे खुमारियाँ
खुल गया बाज़ार लुट लया व्यापारीयां
गठरी नू सम्भाल तेरी सुतिया विहानियां
उठ के सवेरे पन्थ करले सरावा दे
झूठे भरवासे हुंदे बदलां दी छावां दे
ओखिया ने प्रेम दियाँ मंजिला निभणियाँ
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