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सोमवार, 8 अगस्त 2016

भजनमाला----------125

बीत गइयाँ घडियां मुड़के हत्थ नइयो आणिया
सुतया तू जाग काहनू लम्बियाँ ने तानियाँ 

छुप गए चन्न तारे सूरज अखा खोलियाँ 
राम दे प्यारे पंछी बोलदे ने बोलियां 
तू वि उठ जाग पढ़ लै संता दियाँ बाणिया 

अखियां नू खोल ज़रा छड दे खुमारियाँ 
खुल गया बाज़ार लुट लया व्यापारीयां 
गठरी नू सम्भाल तेरी सुतिया विहानियां 

उठ के सवेरे पन्थ करले सरावा दे 
झूठे भरवासे हुंदे बदलां दी छावां दे 
ओखिया ने प्रेम दियाँ मंजिला निभणियाँ 
@मीना गुलियानी  

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