तर्ज़ ----पिछवाड़े बुड्ढा खांसदा
खोलो ज़रा भवना दा द्वार ------ माँ
-जय अम्बे जय अम्बे दीवाने तेरे बोलदे
तेरियां उडीकां विच अखाँ गइयाँ पक माँ
कदे ता दयाल होके बच्यां नूँ तक माँ
करदे हाँ असी इन्तज़ार ---माँ ---जय अम्बे
बच्यां तों दस ज़रा होया की कसूर माँ
नोहां नालों मॉस अज होया किवें दूर माँ
बागाँ कोलों रुसी ऐ बहार ---माँ ---जय अम्बे
मावां बिना पुत्रां नूँ कोई वी न झलदा
ताइयों ता जहान सारा बुआ तेरा मलदा
लावें तू डुबदे नूँ पार ----माँ -----जय अम्बे
भगतां ने रखियाँ माँ तेरे उते डोरियां
तकदे ने जिवें तके चन नूँ चकोरियॉ
दर खड़े पलड़ा पसार --माँ------जय अम्बे
@मीना गुलियानी
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