एक आवाज़ उस पार से आ रही है
मुझको होले से कुछ समझा रही है
दिन बीता ,शब गई,,मुझको भी सोना है
तेरी तस्वीर गीत गुनगुनाए जा रही है
जिंदगी की नई राह चुन ली थी मैंने
क्यों पुराने एहसास जगाए जा रही है
सूरज ने भी चाँद से जाने क्या कह दिया
रोशनी मुझको फिर से बहका रही है
@मीना गुलियानी
मुझको होले से कुछ समझा रही है
दिन बीता ,शब गई,,मुझको भी सोना है
तेरी तस्वीर गीत गुनगुनाए जा रही है
जिंदगी की नई राह चुन ली थी मैंने
क्यों पुराने एहसास जगाए जा रही है
सूरज ने भी चाँद से जाने क्या कह दिया
रोशनी मुझको फिर से बहका रही है
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें