जिंदगी और मौत की लड़ाई रूबरू देखी
जिंदगी हावी कभी मौत का पलड़ा भारी
साँसें मेरी धीरे धीरे घुटने लगी
दिल की धड़कन मेरी रुकने लगी
काली बदरिया से मैं डरने लगी
बिजली चमकी तो सिहरने लगी
हवा से पत्ते भी खड़खड़ाने लगे
दिल को मेरे और भी डराने लगे
जाने फिर कैसे तुम पलटकर आये
जिंदगी को भी मेरी लौटा लाए
सांस धीमे से मेरी चलने लगी
दिल की धड़कन भी जादू करने लगी
जिस्म में फिर से जान आने लगी
जिंदगी मेरी फिर मुस्कुराने लगी
@मीना गुलियानी
जिंदगी हावी कभी मौत का पलड़ा भारी
साँसें मेरी धीरे धीरे घुटने लगी
दिल की धड़कन मेरी रुकने लगी
काली बदरिया से मैं डरने लगी
बिजली चमकी तो सिहरने लगी
हवा से पत्ते भी खड़खड़ाने लगे
दिल को मेरे और भी डराने लगे
जाने फिर कैसे तुम पलटकर आये
जिंदगी को भी मेरी लौटा लाए
सांस धीमे से मेरी चलने लगी
दिल की धड़कन भी जादू करने लगी
जिस्म में फिर से जान आने लगी
जिंदगी मेरी फिर मुस्कुराने लगी
@मीना गुलियानी
1JIVN BDAA HAI MRITYU SE,KYOKI ISKE REHTE MNUSHY BAHUT SI ACCHIAN KR SKTA HAI
जवाब देंहटाएं2 BHGVAAN KAA PRKAASH IS LIYE BDA HAI KI ISKE REHTE KOI BHI BURA KAAM NHIN HO SKTAA
3YH HMAARE DUKHON PR PD KR UNHE JLA DETA HAI,JISSE HM BDI RAAHT MEHSOOS KRTE HAIN-ASHOK