मेरे अलफ़ाज़ कहीं खो गए हैं
क्यों खामोश सब हो गए हैं
तेरी रहनुमाई दर्द का सबब बनी
आशना सभी बेगाने से हो गए हैं
जाने क्यों दर्द अंदर से सालता है
जख़्म दिल के फिर हरे हो गए हैं
क्यों इतनी कडुवाहट रिश्तों में घुली
दर्दे दिल जख्मों की दवा हो गए हैं
नासूर से जख्म फिर रिसने लगे
बेकसी के आलम फना हो गए हैं
सुकूं इस दिल का जिसने लूट लिया
वही राहते जां अब क्यों हो गए हैं
@मीना गुलियानी
क्यों खामोश सब हो गए हैं
तेरी रहनुमाई दर्द का सबब बनी
आशना सभी बेगाने से हो गए हैं
जाने क्यों दर्द अंदर से सालता है
जख़्म दिल के फिर हरे हो गए हैं
क्यों इतनी कडुवाहट रिश्तों में घुली
दर्दे दिल जख्मों की दवा हो गए हैं
नासूर से जख्म फिर रिसने लगे
बेकसी के आलम फना हो गए हैं
सुकूं इस दिल का जिसने लूट लिया
वही राहते जां अब क्यों हो गए हैं
@मीना गुलियानी
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