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सोमवार, 9 अक्टूबर 2017

दिल को यूँ बेज़ार न कर

गुज़रे वक्त को फिर से याद न कर
तकदीर में लिखे की फरियाद न कर

वक्त जैसा  भी होगा वो गुज़र ही जाएगा
कल की फ़िक्र में आज को बर्बाद न कर

जिंदगी तो सुख दुःख के दो पहलू हैं
ख़ुशी के पल जी ग़मों को याद न कर

खोल मन की खिड़की अँधियारे को मिटा
आँसू पोंछ ले दिल को यूँ बेज़ार न कर
@मीना गुलियानी

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