गुज़रे वक्त को फिर से याद न कर
तकदीर में लिखे की फरियाद न कर
वक्त जैसा भी होगा वो गुज़र ही जाएगा
कल की फ़िक्र में आज को बर्बाद न कर
जिंदगी तो सुख दुःख के दो पहलू हैं
ख़ुशी के पल जी ग़मों को याद न कर
खोल मन की खिड़की अँधियारे को मिटा
आँसू पोंछ ले दिल को यूँ बेज़ार न कर
@मीना गुलियानी
तकदीर में लिखे की फरियाद न कर
वक्त जैसा भी होगा वो गुज़र ही जाएगा
कल की फ़िक्र में आज को बर्बाद न कर
जिंदगी तो सुख दुःख के दो पहलू हैं
ख़ुशी के पल जी ग़मों को याद न कर
खोल मन की खिड़की अँधियारे को मिटा
आँसू पोंछ ले दिल को यूँ बेज़ार न कर
@मीना गुलियानी
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