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बुधवार, 4 अक्टूबर 2017

हर आंधियों पे भारी हैं

ओ पंछियो वक्त तुम्हारी उड़ान पे भारी है
तुम्हारे हौसलों को परखने की आई बारी है

मैं तो जीवन की हर जंग लड़ता हूँ
मुझे बचाना उसकी जिम्मेदारी है

कैसे मैं मान लूँ कि जीवन की जंग हारी है
मेरी तो मौत भी इस जिंदगी पे भारी है

मैंने तो रोशन कर लिए दिल में चिराग
जो ग़मों की हर आंधियों पे भारी हैं
@मीना गुलियानी 

1 टिप्पणी:

  1. NA PRVAH KI HMNE BHAI WAQT KI
    APNA HONSLA RKH KR
    JARI RKHI APNI UDAN
    NATIJA TO HAI BHGVAN KE HAATH
    2VHI BCHATA HAI MUJHE
    JIVN KI HR JNG MEIN AUR TOOFAANON MEIN,MAINE NA MANI HAAR JIVN KI KISI JNG MEIN,MERA FARJ HAI USKI SEWA KRNA AUR KHUSH RHNA,USKA FARJ HAI MYJHE PREM DOR SE APNE SNG BADHE RKHNA-ASHOK

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