प्यार में जिसे जलना आ गया
समझ लो उसे जीना आ गया
उल्फत की यही रीत है यारो
कोई न किसी का मीत है यारो
प्रेम में ज़हर जिसे पीना आ गया
समझ लो उसे जीना आ गया
कब सुनते हैं इश्क में जलने वाले
कब सुनते दिल के नाले दुनिया वाले
काँटों से गुज़रके जिसे जीना आ गया
समझ लो उसे जीना आ गया
इश्क में करते खुद को फ़ना दिल वाले
ये दिल वाले भी होते हैं कुछ मतवाले
जिगर का लहू जिसे पीना आ गया
समझ लो उसे जीना आ गया
@मीना गुलियानी
समझ लो उसे जीना आ गया
उल्फत की यही रीत है यारो
कोई न किसी का मीत है यारो
प्रेम में ज़हर जिसे पीना आ गया
समझ लो उसे जीना आ गया
कब सुनते हैं इश्क में जलने वाले
कब सुनते दिल के नाले दुनिया वाले
काँटों से गुज़रके जिसे जीना आ गया
समझ लो उसे जीना आ गया
इश्क में करते खुद को फ़ना दिल वाले
ये दिल वाले भी होते हैं कुछ मतवाले
जिगर का लहू जिसे पीना आ गया
समझ लो उसे जीना आ गया
@मीना गुलियानी
Nice mem
जवाब देंहटाएंवाह....वाह....क्याबात है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंजीने के गुर तो इन्ही बातों में छुपे हैं ...
जवाब देंहटाएंलाजवाब लिखा है ...
बहुत खूब
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