कठिन हैं राहें और रास्ता अनजाना
ऐ मुसाफिर तू कदम धीरे से बढ़ाना
रखना हमेशा हौंसला तू लांघ लेगा पर्वत
ऊँची चोटी देखके बिल्कुल नहीं घबराना
हर राह आसान हो जाती है चाहे हो मुश्किल
कर विश्वास तू खुद पे नहीं पड़ेगा पछताना
हर फैंसले से पहले बाज़ू भी आज़मा लेना
ऐसा न हो राह में दुश्मन बने ये ज़माना
सह सह के मुश्किलों को संवरेगी तेरी जिंदगी
लेकिन तू हर कदम को हँसके आगे बढ़ाना
हों नेक जिनके इरादे वो फिर क्यों घबरायें
हर मुश्किल से सीखें कैसे विजय को पाना
@मीना गुलियानी
ऐ मुसाफिर तू कदम धीरे से बढ़ाना
रखना हमेशा हौंसला तू लांघ लेगा पर्वत
ऊँची चोटी देखके बिल्कुल नहीं घबराना
हर राह आसान हो जाती है चाहे हो मुश्किल
कर विश्वास तू खुद पे नहीं पड़ेगा पछताना
हर फैंसले से पहले बाज़ू भी आज़मा लेना
ऐसा न हो राह में दुश्मन बने ये ज़माना
सह सह के मुश्किलों को संवरेगी तेरी जिंदगी
लेकिन तू हर कदम को हँसके आगे बढ़ाना
हों नेक जिनके इरादे वो फिर क्यों घबरायें
हर मुश्किल से सीखें कैसे विजय को पाना
@मीना गुलियानी
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