सांझ भई घर आजा रे पिया सांझ भई घर आजा रे
तुम्हरे दर्श को तरसे नैना अब तो दर्श दिखा जा रे
तुम बिन कल नहीं पावत मोरा जियरा
तड़पत निशदिन समझत नहीं जियरा
अब तो इसे समझा जा रे
कैसे भेजूँ तुमको मैं पाती
आँसू कारण लिख न पाती
दिल को धीर बँधा जा रे
जल्दी से आओ प्रीतम प्यारे
नैनो के दीपक बाट निहारे
अब तो दर्श दिखा जा रे
@मीना गुलियानी
तुम्हरे दर्श को तरसे नैना अब तो दर्श दिखा जा रे
तुम बिन कल नहीं पावत मोरा जियरा
तड़पत निशदिन समझत नहीं जियरा
अब तो इसे समझा जा रे
कैसे भेजूँ तुमको मैं पाती
आँसू कारण लिख न पाती
दिल को धीर बँधा जा रे
जल्दी से आओ प्रीतम प्यारे
नैनो के दीपक बाट निहारे
अब तो दर्श दिखा जा रे
@मीना गुलियानी
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