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शुक्रवार, 23 नवंबर 2018

फिर से तड़पा जाता है

न मालूम कितने लम्बे
होते हैं ये जुदाई के पल
दिल कहता है तू सम्भल
लेकिन ये पागल मन है
जो फिर भी जाता मचल
हर पल फिर से दिल में
होने लगती है हलचल
ये सुनकर कि तुम आओगे
दिल को कुछ करार आता है
लेकिन ये लम्बा इंतज़ार
फिर से तड़पा जाता है
@मीना गुलियानी 

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