तुम्हारी आँखों में जो नशा है
वो इन लरज़ते प्यालों में कहाँ
हम तो भूले से तेरे साये से लिपट जाते हैं
जो कसक तुझमें है सागरो मीना में कहाँ
करता हूँ इबादत गर कबूल हो जाए
सहर हो तेरी पर मेरा आफताब कहाँ
अब तड़पती हुई ग़ज़ल तुम सुना दो मुझे
जो जुनून तेरे प्यार में है वो और कहाँ
@मीना गुलियानी
वो इन लरज़ते प्यालों में कहाँ
हम तो भूले से तेरे साये से लिपट जाते हैं
जो कसक तुझमें है सागरो मीना में कहाँ
करता हूँ इबादत गर कबूल हो जाए
सहर हो तेरी पर मेरा आफताब कहाँ
अब तड़पती हुई ग़ज़ल तुम सुना दो मुझे
जो जुनून तेरे प्यार में है वो और कहाँ
@मीना गुलियानी
Very beautiful emotions👌
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