दिल की पीर इतनी बर्फ सी जमी
आज कुछ तो पिघलनी ही चाहिए
दर्दे दिल जब नासूर बन जाए कभी
धारा आँसुओ की तो बहनी चाहिए
सिर्फ तमाशा हो यहाँ नहीँ कोशिश मेरी
इस जहाँ की तस्वीर तो बदलनी चाहिए
तूफां इतने हैं आए कांप उठी ये ज़मी
अब तो फांसले की दीवार गिरनी चाहिए
होंसलों को पस्त न होने देना कभी
एक चिंगारी हमेशा सुलगनी चाहिए
@मीना गुलियानी
आज कुछ तो पिघलनी ही चाहिए
दर्दे दिल जब नासूर बन जाए कभी
धारा आँसुओ की तो बहनी चाहिए
सिर्फ तमाशा हो यहाँ नहीँ कोशिश मेरी
इस जहाँ की तस्वीर तो बदलनी चाहिए
तूफां इतने हैं आए कांप उठी ये ज़मी
अब तो फांसले की दीवार गिरनी चाहिए
होंसलों को पस्त न होने देना कभी
एक चिंगारी हमेशा सुलगनी चाहिए
@मीना गुलियानी
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