कल का मेरा सपना अधूरा ही रहा
तू मुझसे रूठा रूठा सा ही रहा
मेरा दिल तुझसे मिलने को तरसता रहा
आसमाँ पर चाँद खिला पर सिमटा रहा
सितारों पर भी बादलों का पहरा सा रहा
कुहरा आसमान पे यूँ बिखरा सा ही रहा
वक्त तेरे आने की आहट को सुनता ही रहा
खुशियों से भरा दामन सिकुड़ता सा ही रहा
आईना मेरी मुस्कुराहट देखने को तरसता रहा
तेरे बिना मोती कुंदन हीरा सब फीका सा रहा
@मीना गुलियानी
तू मुझसे रूठा रूठा सा ही रहा
मेरा दिल तुझसे मिलने को तरसता रहा
आसमाँ पर चाँद खिला पर सिमटा रहा
सितारों पर भी बादलों का पहरा सा रहा
कुहरा आसमान पे यूँ बिखरा सा ही रहा
वक्त तेरे आने की आहट को सुनता ही रहा
खुशियों से भरा दामन सिकुड़ता सा ही रहा
आईना मेरी मुस्कुराहट देखने को तरसता रहा
तेरे बिना मोती कुंदन हीरा सब फीका सा रहा
@मीना गुलियानी
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