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बुधवार, 8 फ़रवरी 2017

मेरा सपना अधूरा ही रहा

कल का मेरा सपना अधूरा ही रहा
तू मुझसे रूठा रूठा सा ही रहा

               मेरा दिल तुझसे मिलने को तरसता रहा
               आसमाँ पर चाँद खिला पर सिमटा रहा

सितारों पर भी बादलों का पहरा सा रहा
कुहरा आसमान पे यूँ  बिखरा सा ही रहा

              वक्त तेरे आने की आहट को सुनता ही रहा
              खुशियों से भरा दामन सिकुड़ता सा ही रहा

आईना मेरी मुस्कुराहट देखने को तरसता रहा
तेरे बिना मोती कुंदन हीरा सब फीका सा रहा
@मीना गुलियानी


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