नदिया के पार चलो करलें बसेरा हम तुम
ढूँढे हमें सारा जहाँ कहीं खो जाएँ हम तुम
ठण्डा ठण्डा पानी यहाँ भँवरे गुनगुनाते हैं
फूल गुलिस्तां में तो सब खुशबु लुटाते हैं
चलो यहीं खो जाएँ होश हो जाने दो ग़ुम
मस्त मस्त मौसम है हवा मतवाली है
दिल मेरा झूम रहा झूमे डाली डाली है
कितना सुकूँ है यहाँ चलते रहें हम तुम
न रुको तुम भी कहीं न रुकें हम भी कहीं
बढ़ते रहें हम आगे न दिखे हद है कहीं
दोनों थामें हाथों को वादियों में हो जाएँ ग़ुम
@मीना गुलियानी
वाह वाह बहुत सुन्दर मीना जी।
जवाब देंहटाएंढूंढें हमे सारा जहाँ कहीं खो जाय हम और तुम ।