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सोमवार, 4 जून 2018

तुम्हीं पर वारा करूँ

बन पागल  चातक सा प्रिय मैं
नित आनन चन्द्र निहारा करूँ
नित नैनन नीर नवोदित से
तुम्हारे पद पदम् पखारा करूँ
अपने हिय आज बसा तुमको
नित आरती मञ्जु उतारा करूँ
अपनापन लीन तुम्हीं में करूँ
सर्वस्व तुम्हीं पर वारा करूँ
@मीना गुलियानी 

5 टिप्‍पणियां:

  1. तुम्हीं पर वारा करूँ
    1 Meri mnjil sirf tumhi ho\
    Pr panhunch na paoon mein tum tk
    aasha se bs tumko dekhonनित
    2 aur khin na jaoon tj kr
    Tumhare chron ka sahara loon
    Tumse gun prtap paoon mein
    3 tum hi to ho jivn pran mere
    na kisi ka bhikshuk bnon
    Na hath phelaoon kisi ke aagey
    4tumhari iccha ko apnaoon mein
    Tum mein mujh mein na bhed rhe
    Sirf tumhen hi mein roj pukara kron--ashok

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  2. भावना का महत्व
    समर्थ गुरू रामदास जी रामायण लिखते जाते और अपने शिष्यों को सुनाते जाते.हनुमान जी गुप्त रूप से बैठ क्र सब सुना करते. रामदास जी ने लिखा कि हनुमानजी लंका गये. वहां उन्हों ने अशोक वाटिका में सफेद फूल देखे. हनुमानजी तुरन्त उठ कर खड़े हो गये.
    उन्हों ने कहा, मैंने तो वहां लाल फूल देखे थी.गलत बात को सुधार लो.
    रामदासजी भी नहीं माने.वे बोले –फूल तो सफेद ही थे.
    हनुमानजी---मैं ,वहां गया और मैं ही गलत.
    झगड़ा अंत में रामचंन्द्र जी के पास गया .
    वे बोले-हनुमान, फूल तो सफेद ही थे.पर तुम्हारी आँखें रावण के सीता पर किये गये अत्याचारों को याद करके लाल हो रही थीं.इसलिए तुम्हें सफेद फूल भी लाल दिखे.
    विनोवा भावे –गीता रहस्य से
    प्रस्तुति—अशोक

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  3. गिलहरियों की पीठ पर निशान कैसे पडे
    रामचन्द्रजी सेना ले कर लंका पर हमला करने चले .सीता को रावण की कैद से मुक्त कराने के लिये. समुद्र को पार करना और उस पर पुल बनाना जरूरी था. पूरे समुद्र को सुखाने में कई जीवों की हत्या होती .
    इसलिए सोचा गया कि सेना के जाने लायक समुद्र के थोड़े भाग को ही सुखाया जाये और वहां पत्थर की शिलाएं डाल कर एक पुल तैयार किया जाए.सारी वानर सेना इस काम में जुट गयी. एक छोटी सी गिल्ग्री भी यह सब देख रही थी.
    वह भी आगे बढ़ी.वह समुद्र के पानी में पूँछ को गीला करती और किनारे की सूखी रेत पर लेट कर उसे सुखाती. मानो अन्याय के विरुद्ध लड़ने में राम की सहायता कर रही हो.अच्छी भावना से किया गया कोई भी प्रयास सराहनीय होता है,चाहे करने में कितनी भी कमियां उस में क्यों न हों.चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो.राम गिलहरी की इस भावना से बड़ा खुश हुए.उनका यह स्वभाव था कि कोई भी उनका जरा सा भी काम क्र दे वे उसका बड़ा उपकार मानते थे .उन्होंने गिलहरी को उठा कर प्यार से उसकी पीठ पर हाथ फेरा.कहते हैं गिलहरियों की पीठ पर तभी से निशान पड़े हैं.
    अशोक—एक पुरानी कहानी

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  4. TREES-THEMSELVES FACE THE STORMS,HEAT OF THE SUN.RADIATIONS
    GIVE OTHERS SHADE,SHELTER TO ANIMALS, BIRDS,GIVE WOOD ,FRUITS,MEDICINES.
    3.GIVE WOOD FOR FURNITURE,FUEL,PAPER,HOUSE BUILDING
    4PROTECT FROM SOIL EROSION.,HARMFUL RADIATION
    CONVERT CARBON DIOXIDE TO OXYGEN THUS ACT AS LUNGSOF THE EARTH
    PREVENT ALL TYPES OF POLLUTION
    PEOPLE WORSHIP THEM.ANDOLAN CHIPKO WAS TO STOP ILLEGAL FELLING OF TREES.
    READERS PLEASE GIVE MORE AUTHENTIC AND OTHER BETTER INFORMATION-ASHOK

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