बन पागल चातक सा प्रिय मैं
नित आनन चन्द्र निहारा करूँ
नित नैनन नीर नवोदित से
तुम्हारे पद पदम् पखारा करूँ
अपने हिय आज बसा तुमको
नित आरती मञ्जु उतारा करूँ
अपनापन लीन तुम्हीं में करूँ
सर्वस्व तुम्हीं पर वारा करूँ
@मीना गुलियानी
नित आनन चन्द्र निहारा करूँ
नित नैनन नीर नवोदित से
तुम्हारे पद पदम् पखारा करूँ
अपने हिय आज बसा तुमको
नित आरती मञ्जु उतारा करूँ
अपनापन लीन तुम्हीं में करूँ
सर्वस्व तुम्हीं पर वारा करूँ
@मीना गुलियानी
तुम्हीं पर वारा करूँ
जवाब देंहटाएं1 Meri mnjil sirf tumhi ho\
Pr panhunch na paoon mein tum tk
aasha se bs tumko dekhonनित
2 aur khin na jaoon tj kr
Tumhare chron ka sahara loon
Tumse gun prtap paoon mein
3 tum hi to ho jivn pran mere
na kisi ka bhikshuk bnon
Na hath phelaoon kisi ke aagey
4tumhari iccha ko apnaoon mein
Tum mein mujh mein na bhed rhe
Sirf tumhen hi mein roj pukara kron--ashok
Bhot Acha lekhte h aap aunti ji
जवाब देंहटाएंभावना का महत्व
जवाब देंहटाएंसमर्थ गुरू रामदास जी रामायण लिखते जाते और अपने शिष्यों को सुनाते जाते.हनुमान जी गुप्त रूप से बैठ क्र सब सुना करते. रामदास जी ने लिखा कि हनुमानजी लंका गये. वहां उन्हों ने अशोक वाटिका में सफेद फूल देखे. हनुमानजी तुरन्त उठ कर खड़े हो गये.
उन्हों ने कहा, मैंने तो वहां लाल फूल देखे थी.गलत बात को सुधार लो.
रामदासजी भी नहीं माने.वे बोले –फूल तो सफेद ही थे.
हनुमानजी---मैं ,वहां गया और मैं ही गलत.
झगड़ा अंत में रामचंन्द्र जी के पास गया .
वे बोले-हनुमान, फूल तो सफेद ही थे.पर तुम्हारी आँखें रावण के सीता पर किये गये अत्याचारों को याद करके लाल हो रही थीं.इसलिए तुम्हें सफेद फूल भी लाल दिखे.
विनोवा भावे –गीता रहस्य से
प्रस्तुति—अशोक
गिलहरियों की पीठ पर निशान कैसे पडे
जवाब देंहटाएंरामचन्द्रजी सेना ले कर लंका पर हमला करने चले .सीता को रावण की कैद से मुक्त कराने के लिये. समुद्र को पार करना और उस पर पुल बनाना जरूरी था. पूरे समुद्र को सुखाने में कई जीवों की हत्या होती .
इसलिए सोचा गया कि सेना के जाने लायक समुद्र के थोड़े भाग को ही सुखाया जाये और वहां पत्थर की शिलाएं डाल कर एक पुल तैयार किया जाए.सारी वानर सेना इस काम में जुट गयी. एक छोटी सी गिल्ग्री भी यह सब देख रही थी.
वह भी आगे बढ़ी.वह समुद्र के पानी में पूँछ को गीला करती और किनारे की सूखी रेत पर लेट कर उसे सुखाती. मानो अन्याय के विरुद्ध लड़ने में राम की सहायता कर रही हो.अच्छी भावना से किया गया कोई भी प्रयास सराहनीय होता है,चाहे करने में कितनी भी कमियां उस में क्यों न हों.चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो.राम गिलहरी की इस भावना से बड़ा खुश हुए.उनका यह स्वभाव था कि कोई भी उनका जरा सा भी काम क्र दे वे उसका बड़ा उपकार मानते थे .उन्होंने गिलहरी को उठा कर प्यार से उसकी पीठ पर हाथ फेरा.कहते हैं गिलहरियों की पीठ पर तभी से निशान पड़े हैं.
अशोक—एक पुरानी कहानी
TREES-THEMSELVES FACE THE STORMS,HEAT OF THE SUN.RADIATIONS
जवाब देंहटाएंGIVE OTHERS SHADE,SHELTER TO ANIMALS, BIRDS,GIVE WOOD ,FRUITS,MEDICINES.
3.GIVE WOOD FOR FURNITURE,FUEL,PAPER,HOUSE BUILDING
4PROTECT FROM SOIL EROSION.,HARMFUL RADIATION
CONVERT CARBON DIOXIDE TO OXYGEN THUS ACT AS LUNGSOF THE EARTH
PREVENT ALL TYPES OF POLLUTION
PEOPLE WORSHIP THEM.ANDOLAN CHIPKO WAS TO STOP ILLEGAL FELLING OF TREES.
READERS PLEASE GIVE MORE AUTHENTIC AND OTHER BETTER INFORMATION-ASHOK