छलकते हुए अश्कों ने बताया दर्द कैसा है
उसकी बेरुखी ने समझाया हमदर्द कैसा है
घमण्ड ने जताया उसके पास खूब पैसा है
व्यवहार ने बताया उसका परिवार कैसा है
मीठी वाणी से पता चला वो इंसान कैसा है
तल्खियत से पता चला ज्ञान कितना है
स्पर्श से पता चला कि वो व्यक्ति कैसा है
वक्त ने बता दिया कि ये रिश्ता कैसा है
@मीना गुलियानी
उसकी बेरुखी ने समझाया हमदर्द कैसा है
घमण्ड ने जताया उसके पास खूब पैसा है
व्यवहार ने बताया उसका परिवार कैसा है
मीठी वाणी से पता चला वो इंसान कैसा है
तल्खियत से पता चला ज्ञान कितना है
स्पर्श से पता चला कि वो व्यक्ति कैसा है
वक्त ने बता दिया कि ये रिश्ता कैसा है
@मीना गुलियानी
वाह बहुत सुन्दर और सही कथन।
जवाब देंहटाएंअप्रतिम ।
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
गुरुवार 28 जून 2018 को प्रकाशनार्थ 1077 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।
प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
सधन्यवाद।
सुन्दर
जवाब देंहटाएंवाह!!बहुत खूब ,मीना जी ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
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