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बुधवार, 13 जून 2018

खेलूं संग संग में

आज मैं तो उड़ती चलूँ मस्त पवन में
झूमूँ नाचूँ गाऊं मैं अपनी ही लगन में

जिया झूमे चुनरिया लहराए
सर से पल पल सरकती जाए
छू लूँ बादलों को मैं उड़के गगन में

मेरे संग संग चलती पुरवइया
मेरे गज़रे की लेके बलैया
मन मयूरा नाच उठा संग पवन में

ओढ़ूँ तारों की झिलमिल चुनरिया
चंदा देखे तो यूँ चमके बिजुरिया
आँख मिचौनी भी खेलूं संग संग में
@मीना गुलियानी 

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