है मौसम हँसता हँसता नहीं वक्त कभी भी रुकता
चलो सफर पे बढ़े चलो ये रास्ता कभी न रुकता
मस्ती की बयार छाई तन मन की सुध है बिसारी
झूमे है हर इक पौधा ,खिल गई हर इक क्यारी
सूरज की लाली छाई , हर कली कली मुस्काई
कोयल भी देखो है कूकी लगा बसंत ऋतु आई
बद्री भी देखो घिर आई चपला दामिनी चमकी
लेकर के नई चित्रकारी मीनाकारी है अंबर की
हंसों की टोली है आई गीतों की गूँजी शहनाई
अंबर ने अपनी मस्ती में गीतों की तान सुनाई
@मीना गुलियानी
चलो सफर पे बढ़े चलो ये रास्ता कभी न रुकता
मस्ती की बयार छाई तन मन की सुध है बिसारी
झूमे है हर इक पौधा ,खिल गई हर इक क्यारी
सूरज की लाली छाई , हर कली कली मुस्काई
कोयल भी देखो है कूकी लगा बसंत ऋतु आई
बद्री भी देखो घिर आई चपला दामिनी चमकी
लेकर के नई चित्रकारी मीनाकारी है अंबर की
हंसों की टोली है आई गीतों की गूँजी शहनाई
अंबर ने अपनी मस्ती में गीतों की तान सुनाई
@मीना गुलियानी
वाह सरस पावस ऋतु वर्णन।
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