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शनिवार, 16 जून 2018

,तेरी ये ओढ़नी

पिया मैंने ओढ़ली ,तेरी रंग भरी ओढ़नी

तूने प्यार से दीन्हि मुझको
रंग भी सारे दे दिए मुझको
भीग गई तेरे रंग में , भीगी ये ओढ़नी

पिया न फीका होवे रंग
ऐसो रंगो न होवे बदरंग
कसके चास लगाओ ,फीकी न होवे ओढ़नी

कितने जतन से ओढ़ूँ इसको
प्रेम से कितने सहेजूँ इसको
बार बार मुस्काऊँ पहनकर ,तेरी ये ओढ़नी
@मीना गुलियानी 

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