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रविवार, 20 जनवरी 2019

जाति भेद को मिटाना

यह जीवन है दुःख सुख का ताना बाना
रखके हौंसला खुद पे आगे कदम बढ़ाना

दुःख है गहरा सागर हिम्मत न हार जाना
आशा की नाव पे चढ़के उस पार चले जाना

तुम भी वहाँ सपनों की दुनिया को बसाना
जब मीत  मिले मन का प्रीत को बढ़ाना

आशा की डोर लेकर फिर नया घर बसाना
फिर प्रेम की सुरभि से उसे तुम महकाना

प्रेम को पल्ल्वित कर जग को सुखी बनाना
इस जहाँ से नफरत जाति भेद को मिटाना
@मीना गुलियानी 

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