छू ले आसमान ज़मीन की तलाश न कर
जी ले अपनी जिंदगी ख़ुशी तलाश न कर
तेरी तकदीर यूँ ही संवर जायेगी
ये बहारें फिर से लौट कर आयेंगी
तेरे मुस्कुराने से तकरार न कर
ये उदासी भरे दिन भी गुज़र जायेंगे
चिराग जले शमा के परवाने आयेंगे
बहारें आयेंगी जीवन में ऐतबार तो कर
जीवन सुख दुःख से बना सबको छला है
जिसने कभी हारी न हिम्मत वो जीता है
ढूँढ ले अपनी खुशियों को प्रमाद न कर
@मीना गुलियानी
जी ले अपनी जिंदगी ख़ुशी तलाश न कर
तेरी तकदीर यूँ ही संवर जायेगी
ये बहारें फिर से लौट कर आयेंगी
तेरे मुस्कुराने से तकरार न कर
ये उदासी भरे दिन भी गुज़र जायेंगे
चिराग जले शमा के परवाने आयेंगे
बहारें आयेंगी जीवन में ऐतबार तो कर
जीवन सुख दुःख से बना सबको छला है
जिसने कभी हारी न हिम्मत वो जीता है
ढूँढ ले अपनी खुशियों को प्रमाद न कर
@मीना गुलियानी
बहुत खूब...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना।
Thanks Ravindra Bhardvaj ji for ur comments
जवाब देंहटाएं