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मंगलवार, 22 जनवरी 2019

क्यों अंधेरे में जले

उम्मीद टूट चली है तेरे अब आने की
बुझाके रख दी है शमा गरीबखाने की

कहा था तुमने कि आयेंगे जब चिराग जले
पर इंतज़ार में तेरी इस दिल के दाग जले

वही है महफ़िल लेकिन अब यहाँ अँधेरा है
तेरे इंतज़ार में कुछ देर तलक चिराग जले

तू जाने भी कैसे कि दर्दो अलम क्या है
न कभी दिल ये जला न इसके दाग जले

अब तो मेरी तमन्नाओं में भी अँधेरा है
न सोच दिल ये मेरा क्यों अंधेरे में जले
@मीना गुलियानी 

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