मैं यह दुःख सहूँ कब तक
खलेगी तेरी कमी कब तक
सिर्फ तेरी याद पर ही जिन्दा हूँ
रहेगी याद भी मगर कब तक
पुकारते तुमको हम ही रहे
मगर पुकारते भी कब तक
तेरे बिना नहीँ है सुकूँ मुझको
जां चली जाए न तेरे आने तक
@मीना गुलियानी
खलेगी तेरी कमी कब तक
सिर्फ तेरी याद पर ही जिन्दा हूँ
रहेगी याद भी मगर कब तक
पुकारते तुमको हम ही रहे
मगर पुकारते भी कब तक
तेरे बिना नहीँ है सुकूँ मुझको
जां चली जाए न तेरे आने तक
@मीना गुलियानी
बहुत खूब....आदरणीया
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना सखी 👌
जवाब देंहटाएंThanks all
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना
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