तर्ज -------जय जय हे जगदम्बे माता ,
जो भी दुखिया दर पे आता , जो भी दुखिया दर पे आता
खाली जो झोली लेके आता , तुझसे भरा के माँ ले जाता
जो माता तुझको पुकारे , तूने उसी के दुखड़े टारे
विपदाओं को हरके तूने, जोड़ा उन संग नाता
तेरे द्वार के हम चाकर , द्वार पे तेरे सब है बराबर
उसको हाथ बढ़ाके उठाये, जो भी ठोकर खाता
ऊँच नीच का भेद न कोई , पाया तेरा पार न कोई
तेरी महिमा जग से निराली , हे जगदम्बे माता
विनती करूँ मै लाज तू रखना, हर पल मेरा ध्यान तू रखना
चरणो में तेरे आके मैया , शीश ये अपना झुकाता
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें