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बुधवार, 3 जून 2015

माता की भेंट - 77



करके शेर सवारी इक वारी आजा माँ , घर दुखिया दे फेरा इक वारी पा जा माँ 

तेरा विच पहाड़ा डेरा , मै लड़ फड़या माँ तेरा 
तुसी पार लगाओ बेडा ,  मै लड़ फड़या माँ तेरा 
पार लगा जा माँ , घर दुखिया दे फेरा इक वारी पा जा माँ 

माँ तू है शेरा वाली ,  तेरी जगदी जोत निराली 
तू मेहर करी मेरी माता ,  मेरी भरदे झोली खाली 
आस पुजा जा माँ , घर दुखिया दे फेरा इक वारी पा जा माँ 

विच थाल सामग्री सजाई ,  नाले प्रेम दी जोत जगाई 
मै बड़े प्रेम नाल माता,  तेरी जगदी जोत ल्याई 
दर्श दिखा जा माँ , घर दुखिया दे फेरा इक वारी पा जा माँ 

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