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सोमवार, 8 जून 2015

माता की भेंट - 135



तेरा बचडा  नीर बहाये  , आजा माँ पहाड़ा वालिये 
तैनू रो रो हाल सुनाये ,  आजा माँ पहाड़ा वालिये 

इक दासी माँ क़हदी  तैनू ,  शीश नवांदी हरदम तैनु 
तू जाने गर बचडा मैनु , बैठी दर ते झोली फैलाये  आजा माँ पहाड़ा वालिये 

जिन्द निमानी कहदी तैनु , ला सीने नाल दाती मैनु 
याद सदा रहे तेरी मैनु ,  लाड तुझ बिन कोण लड़ाए  आजा माँ पहाड़ा वालिये 

हन्जुआ दे मै हार बणावा ,  तेरे दाती चरणी चढ़ावां 
लाज रखी मै कहदी तैनु , बैठी दोनों हत्थ पसारे   आजा माँ पहाड़ा वालिये 

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