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सोमवार, 1 जून 2015

माता की भेंट - 52


तर्ज --भैया मेरे राखी 


तू ते मैया सारे जगत नू झुकाया 
तेरा मैया भेद किसी ने न पाया 

अकबर सी हँकारी होया, मन्ता तो इन्कारी होया
 ऐसी माँ तू शक्ति दिखाई दर दा आन पुजारी होया 
सोने दा छत्तर चढ़ाया चढ़ाया 

पाण्डवा कीती जदो चढ़ाई , दिल विच तेरी प्रीत वसाईं 
नाल तेरी शक्ति दे माता , फतह ओहना युद्ध विच पाई 
सोहना सी मंदिर बनाया बनाया 

शीश दी ध्यानू भेंट चढ़ाई , कईया ने  सी जीभ कटाई 
किने तेरे भगता ने माँ, प्रीत तेरी माँ  आजमाई 
सबदा कष्ट मिटाया मिटाया 

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