तर्ज --भैया मेरे राखी
तू ते मैया सारे जगत नू झुकाया
तेरा मैया भेद किसी ने न पाया
अकबर सी हँकारी होया, मन्ता तो इन्कारी होया
ऐसी माँ तू शक्ति दिखाई दर दा आन पुजारी होया
सोने दा छत्तर चढ़ाया चढ़ाया
पाण्डवा कीती जदो चढ़ाई , दिल विच तेरी प्रीत वसाईं
नाल तेरी शक्ति दे माता , फतह ओहना युद्ध विच पाई
सोहना सी मंदिर बनाया बनाया
शीश दी ध्यानू भेंट चढ़ाई , कईया ने सी जीभ कटाई
किने तेरे भगता ने माँ, प्रीत तेरी माँ आजमाई
सबदा कष्ट मिटाया मिटाया
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