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बुधवार, 3 जून 2015

माता की भेंट - 80



सुन मैया सुन मेरी विनती को सुन , 
हमसे जो भूल हुई माफ़ करो तुम 


दूर करो सारे भरम लाल पे करदो करम 
बिगड़ी बनादो मेरी मिट जाये मन का भरम 
तेरे द्वारे आऊंगा शीश झुकाऊँगा 
शीश झुकाके तेरी महिमा मै गाऊंगा 
दर्श दिखादे मेरा तरसे है मन 


मै गुनहगार मैया बिगड़ी संवार दे 
दर पे खड़ा हूँ तेरे थोड़ा मुझे प्यार दो 
तेरे द्वारे आऊंगा जोत जलाउंगा 
जोत जलाके मैया गुण तेरे गाऊँगा 
मुझको लगी है तेरे नाम की लग्न 


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