जय जय बोलो जय जय बोलो जय जय बोलो महारानी की
कलयुग में जोत प्रचण्ड हुई इस ज्वाला महारानी की
अटल जोत तेरी कहलाई , जब माता तूने शक्ल दिखाई
तेरे भवन पे राजा अकबर ने , जब बात करी अभिमानी की
जगमग तेरी जोत निराली, दे दो दर्शन ओ शेरो वाली
आखिर चरणो में आके गिरा, वो जिसने बात करी नादानी की
तू जग जननी सबकी दाता , खाली नही कोई दर से जाता
चरणो में मुझे माँ रहने दो , ये अर्ज मैया तेरी दासी की
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें